Devdas (देवदास) - Couverture souple

Chattopadhyay, Sharat Chandra

 
9788128400827: Devdas (देवदास)

Synopsis

बचपन के साथी पारो और देवदास में आरंभ से ही एक गहरा लगाव था, जो उम्र के साथ-साथ बढ़ता गया। वे दोनों अपना शेष जीवन भी साथ-साथ बिताना चाहते थे लेकिन देवदास की मां के बड़प्पन और कुल मर्यादा के अहंकार ने उन्हें एक नहीं होने दिया। पारो को भुलाने के लिए देवदास ने शराब पीनी शुरू कर दी। जीवन के इस पड़ाव पर उसकी मुलाकात एक नगरवधू चंद्रमुखी से होती है। क्षणिक शांति के बाद वह फिर परेशान रहने लगता है। उधर विवाह हो जाने के बाद भी पारो देवदास को भूला नहीं पाई। पारो को दिए वचन के अनुसार देवदास जीवन के अंतिम क्षणों में पारो के घर के द्वार तक तो पहुंच जाता है लेकिन पारो के निकट पहुंचने से पहले ही उसकी आंखें हमेशा के लिए मूंद जाती हैं। बंगला उपन्यासकार शरतचन्द्र की एक ऐसी सशक्त रचना जिसपर तीसरी बार बड़े-बड़े कलाकारों के साथ बड़े बजट की फिल्में बनी हैं और सफल रही हैं।

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