Vakrit Kaal-Chakra - Couverture souple

Dr Sanjeew Kumar Chowdhary

 
9789370097902: Vakrit Kaal-Chakra

Synopsis

वक्रित कालचक्र डॉ. संजीव कुमार चौधरी द्वारा रचित दूसरा उपन्यास है जिसमें आपको आपके आस पास घटती घटनाओं से साम्य तो मिलेगा पर यकीनन यह लेखक की कल्पना लोक में निर्मित एक ऐसे देश की कहानी है जहां की अधिकांश जनसंख्या विभिन्न देशों से विस्थापित हो कर आईं हैं। राजतंत्र द्वारा संचालित इस देश में प्रजातंत्र अंकुरित होना चाहता है, लेकिन राजकुमार विदुचेज के सुझाए गए नवीनतम जनकल्याणकारी प्रयोगों को राजा धनीचेज अमल में लाकर न सिर्फ अपनी प्रजा का दिल जीतने में कामयाब रहते हैं, बल्कि अपने छोटे-से देश को विश्व पटल पर सुर्खियां बटोरने लायक बना कर स्थापित विश्व शक्तियों की आंखों की किरकिरी बन जाते हैं। परिणाम स्वरूप अंतरराष्ट्रीय बाजार का एक बड़ा हिस्सा कब्जाने की वजह से एक सर्वशक्तिमान देश के अधिपति द्वारा रचि गई साजिश का शिकार बनते हैं, ताकि उनका मानमर्दन कर उन्हें सबक सिखाने के साथ उनकी अंधाधुंध प्रगति अवरूद्ध की जा सके।

इसके समानांतर चलती एक प्रेम कहानी में एक युवा चिकित्सक को अपने पेशेगत जिम्मेदारियों और प्रेम संबंध की अपेक्षाओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि प्रेमिका और पेशा - दोनों को खोने की नौबत तक का सामना करना पड़ता है।

तीसरे कोण के रूप में एक विलक्षण मेधा के स्वामी वैज्ञानिक द्वारा भावी जैविक युद्ध की संभावना के मद्देनजर समस्त प्राणियों एवं वनस्पतियों को विनाश से बचाने के लिए सुरक्षात्मक जीवाणुरोधी प्रणाली विकसित करने के एवज में किन किन दुश्वारियों से दो दो हाथ करना पड़ता है?

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